Check Bounce Case : चेक बाउंस मामला में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चेक बाउंस होने पर नहीं काटने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Check Bounce Case Update: आम जीवन में बैंकिंग ट्रांजेक्शन अब रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है। कहीं लेन-देन, तो कहीं उधारी का भुगतान इन सबमें चेक का इस्तेमाल आम है। लेकिन कई बार चेक बाउंस होने की स्थिति में व्यक्ति को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे ही मामलों में अब हाईकोर्ट ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो आम जनता के लिए राहत लेकर आया है।

क्या है नया आदेश?

हाल ही में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर यह मुद्दा उठाया गया कि चेक बाउंस के मामलों में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किया है कि चेक बाउंस की शिकायत अब केवल मूल दस्तावेज़ और बैंक द्वारा जारी रिटर्न रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की जा सकती है। अब पीड़ित को बार-बार कोर्ट के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी जब तक कि केस किसी महत्वपूर्ण मोड़ पर न पहुंच जाए।

डिजिटल दस्तावेज होंगे मान्य

एक और अहम बात यह है कि अब डिजिटल रूप से जमा किए गए दस्तावेजों को भी शिकायत दर्ज करने के लिए वैध माना जाएगा। इससे ऑनलाइन माध्यम से केस दर्ज करना आसान हो जाएगा और न्यायिक प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और तेज़ हो सकेगी।

आम आदमी को सीधी राहत

यह फैसला न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि उन लाखों आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो आए दिन इस तरह की कानूनी जटिलताओं से जूझते हैं। पहले जहां एक केस दर्ज करवाने में समय, पैसा और श्रम तीनों खर्च होते थे, अब यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है।

अब आगे क्या होगा?

इस फैसले से एक मजबूत संदेश गया है कि न्याय प्रणाली आम जनता की पहुंच में होनी चाहिए। इससे जहां शिकायतकर्ता को राहत मिलेगी वहीं आरोपी पक्ष पर भी यह दबाव बनेगा कि वे समय पर भुगतान करें और मामले को कोर्ट तक न ले जाएं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जन जागरूकता के लिए लिखा गया है। किसी भी कानूनी कदम उठाने से पहले विशेषज्ञ या वकील से सलाह अवश्य लें।

Leave a Comment